Paper-II General Studies-I (Indian Heritage and Culture, History and Geography of the World and Society)

देखो सामान्य तौर पर इस पेपर में पांच विषय है वह है भारतीय विरासत और संस्कृति, आधुनिक भारत का इतिहास, विश्व का इतिहास, भारतीय समाज और भूगोल वह भी विश्व का भूगोल.

तो चलो एक-एक विषय की बात करते हैं…

भारतीय विरासत और संस्कृति

इस पेपर में जो सबसे कठिन विषय है तो वह यह है भारतीय विरासत और संस्कृति. कठिन है मतलब ऐसा की अगर आपको पता नहीं है  तो आप लिख नहीं पाओगे और ऐसा ही लिखने जाओगे तो उसका बुरा असर आपके पूरे पेपर पर पढ़ सकता है. पेपर भरने से बेहतर जो अच्छे प्रश्न आते हैं उनका उत्तर लिखे क्योंकि पेपर कोई 10 घंटे का नहीं होता हैं. यह बस 3 घंटे का होता है और 250 गुणों का पेपर 3 घंटे में लिखना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हो जाता है.

इस पेपर में इस विषय का जो प्रश्नों का स्तर होता है वह बड़ा ही कठिन होता है. हालांकि हमें विरासत और संस्कृति के बारे में जो पता है वह ये पूछते नहीं, पूछते हैं कुछ और जो हमें आता नहीं या इतना हम पढ़ नहीं सकते. कुछ प्रश्नों के लिए कौन इतना ज्यादा पढ़ेगा.

रही बात प्रश्नों की तो  ज्यादा से जादा ३ से ४ प्रश्न आते हैं उनमें से, ज्यादा से ज्यादा तो परीक्षार्थी क्या करते हैं अगर आता है तो लिखते हैं नहीं आता है तो इस झगड़े में वह नहीं पढ़ते क्योंकि, उनको पता है मतलब कुछ भी लिखने से    बेहतर यह अच्छा है कि उसको ना लिखा जाए और उतना समय किसके पास हैं जो सभी प्रश्नों के उत्तर लिख सके.

इसमें क्या पूछा जाएगा यह भी उन्होंने दिया है मतलब वह कुछ कला के बारे में पूछेंगे, साहित्य के बारे में पूछेंगे, या फिर शिल्पकला के बारे में पूछेंगे. या फिर कुछ भी पूछा जा सकता है संस्कृति और विरासत के बारे में वह भी प्राचीन काल से आधुनिक काल तक. ठीक है..?

इस पेपर के बारे में देखो तो लगता है सभी पुराना है मतलब इसमें कोई नया जोड़ने वाला नहीं है लेकिन भारतीय  समाज में जो प्रश्न आएंगे वह अबके बारे में पूछे जा सकते हैं मतलब किसी घटना के बारे में कुछ बदलाव आया है क्या ?  क्यों आया है ? कैसा आया है? किसने लाया है? क्यों लाया? क्यों जाना चाहिए? ऐसा कुछ भी भारतीय समाज के बारे में पूछा जा सकता है. किसी साहित्य के बारें में कुछ पूछा जा सकता हैं या किसी नृत्य के बारें में पूछा जा सकता हैं.

भारतीय विरासत और संस्कृति मैं प्राचीन काल से लेकर अब तक या आधुनिक काल तक कला के बारे में उसमें कौन सी भी हो या तो वह नृत्य हैं, किसी मंदिर का प्रकार हो या फिर साहित्य हो साहित्य में कौन सा भी साहित्य विज्ञानं के बारे में, तत्वज्ञान के बारे में , कोई साहित्य का विशिष्ट पंथ, और वास्तु कला. जितने सारे प्राचीन विरासत और संस्कृति में शामिल पहलू हैं इनमें से कुछ भी पूछा जा सकता है.

आधुनिक भारतीय इतिहास

इस विषय में वह हमारे आधुनिक भारत के इतिहास के बारे में पूछेंगे वह भी १८५० से अब तक. कुछ घटनाओं  के बारे में, व्यक्तियों के बारे में, और विषयों के बारे में. इसमें आजादी के लड़ाई के बारे में पूछा जा सकता है, इसमें उसके विविध स्थर, कुछ महत्व के लोग और उनका योगदान; वह भी पूरे भारत के भागों से. इसमें कुछ आजाद भारत के बारे में पूछा जा सकता हैं जो देश के लिए महत्त्वपूर्ण हो..

विश्व का इतिहास

इस विषय में विश्व के इतिहास के बारे में नीचे दिए गए विषयों पर या मुद्दों पर प्रश्न पूछे जा सकते हैं

  • औद्योगिक क्रांति,
  • विश्व युद्ध,
  • राष्ट्रीय सीमाओं का पुन: सीमांकन.
  • उपनिवेशवाद,
  • उपनिवेशवाद की समाप्ति,
  • राजनीतिक दर्शन शास्त्र जैसे साम्यवाद, पूंजीवाद, समाजवाद आदि शामिल होंगे, उनके रूप और समाज पर उनका प्रभाव.

भारतीय समाज

इस विषय में भारतीय समाज के बारे, भारतीय समाज की विविधता के बारे, महिलाओं के संगठन और उनकी भागीदारी के बारे में, जनसंख्या के जो विषय है उनके बारे में, गरीबी के बारे में, विकास के बारे में जो समस्याएँ हैं उनकें बारे में और उनके समाधानों के बारे में कुछ भी पूछा जा सकता हैं. भूमंडलीकरण के भारतीय समाज पर परिणाम के बारे में पूछा पूछा जा सकता हैं. सामाजिक सशक्तिकरण, सांप्रदायिकता, क्षेत्रवाद और धर्मनिरपेक्षता के बारे में कुछ भी पूछा जा सकता हैं…

भूगोल

इस विषय में भौतिक भूगोल के बारे में कुछ भी पूछा जा सकता है मुख्य प्राकृतिक संसाधनों के बारे में पूछा जा सकता है, प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र के उद्योगों के जिम्मेदार घटकों के बारे में पूछा जा सकता है, भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी हलचल, चक्रवात, भूभौतिकीय घटनाएं, इन सब के बारे में इस विषय में पूछा जा सकता है.

तो ये हैं सिविल सेवा परीक्षा का सामान्य अध्ययन पेपर १ जिसमे लगभग ५ विषय हैं. हम इसमें और अच्छी जानकारी आगे लिखते रहेंगे … जब तक हैं जान .. जब तक हैं जान…. जब तक हैं जान.

जय हिन्द !! वन्दे मातरम्